असीम ख़ान का बेटा रणविजय ख़ान

कोरोना वायरस अगर एक संकट है तो इस संकट से जूझने और निकलने की जद्दोजहद में इंसानियत के लिए ऊंचाई चढ़ने का अवसर भी। ऐसे अवसर रोज हमें रोमांचित कर रहे हैं, प्रेरित कर रहे हैं। नोएडा और बरेली के बीच भी ऐसी ही एक कहानी परवान चढ़ी।

बरेली में एक महिला तमन्ना प्रसव पीड़ा से गुजर रही थी। उसका पति अनीस ख़ान नोएडा में था। लॉकडाउन के इस दौर में मददगार भी कहां मिलते हैं। लिहाजा पत्नी को पति की कमी खल रही थी। बेचैन थी वह। मगर, लॉकडाउन में खुदाई खिदमतगार भी हकीकत बनकर सामने आ ही जाते हैं।

तमन्ना ने अपनी व्यथा और दशा (दुर्दशा नहीं) के बारे में ट्वीट किया। गुहार लगायी कि कोई उसके पति को उसके पास बुला दे। अब इस लॉक़डॉउन के समय में आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग ही उनकी मदद कर सकते थे। मगर, उनके ऊपर काम का इतना बोझ है कि ऐसी गुहार पर वे करें भी तो क्या करें।

मगर, नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह इस गुहार पर तत्काल चौकन्ने हो गये। उन्होंने तुरंत दी गयी सूचना के आगे काम करते हुए नोएडा से अनीस खान को खोज निकाला। रातों रात अनीस खान को नोएडा से बरेली के लिए रवाना कर दिया। सुबह चार बजे अनीस अपने घर पहुंचा। पत्नी तमन्ना की खुशी का ठिकाना नहीं था। दो घंटे बाद ही उसने बेटे को जन्म दिया। अनीस और तमन्ना ने अपने बेटे का नाम रखा रणविजय ख़ान।

क्यों न इस घटना को इस तरह कहा जाए कि तमन्ना और अनीस ने एक संतान को जरूर जन्म दिया था, मगर वास्तव में रणविजय सिंह ने रणविजय खान को जन्म दिया है। एक नेकी ने नेकनीयति का फलाफल दिया है।

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