Save Our Environment । पर्यावरण बचाव

Save Our Environment Blasting a ‘bomb’! It sounds ironical, but it is a fact! Concerned about air pollution and its damaging effects on the environment. A group of senior citizens – all above 75 years of age – are toiling hard on an innovative idea! They call this idea ‘Oxygen Bomb’!

They have been cultivating special plants for last few years, that double up the air purification around us! This method works better than purifying air through air purifiers, available in markets. A wonderful initiative towards healthy and better living!

ये बनाते हैं ‘ऑक्सीजन बम’!

नोएडा में वरिष्ठ नागरिकों का एक समूह पिछले पंद्रह वर्षों से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अद्भुत काम कर रहा है। 2002 में नोएडा प्राधिकरण ने इन्हें ज़मीन मुहैया करायी, तो इन लोगों ने मिलकर चार एकड़ ज़मीन में एक हर्बल गार्डन तैयार कर दिया, जहां न सिर्फ तरह-तरह के वनस्पति तैयार किये जाते हैं, बल्कि ऑर्गेनिक खाद भी बनाए जाते हैं। बड़े ही सुनियोजित तरीके से इन वरिष्ठ नागरिकों ने Citizens Environment Improvement Society नामक एक संस्था का गठन भी किया है, जहां पर्यावरण संरक्षण अभियान को चलाने के लिए धन सृजन का सफल रास्ता भी इनकू पास है।

पर्यावरण की दिशा में काम कर रहे बुज़ुर्गों के इस समूह में 75 साल से 91 साल तक के लोग हैं। इनका काम, मिशन और विजन किसी को भी सोचने के लिए मजबूर कर देगा। पर्यावरण के बिगड़ते स्वरूप को पटरी पर लाना ही अब इनके जीवन का मकसद है। पर्यावरण और पेड़-पौधों के प्रति इनकी चिन्ता और लगाव का ही नतीजा है कि इनमें से हर शख्स वनस्पति विज्ञान का ज़बर्दस्त जानकार है। ये सब कुछ करते हैं इस उम्र में वो भी मुफ्त और निस्वार्थ भाव से। इन्हीं बुज़ुर्गों में एक ब्रिगेडियर अमृत कपूर और उनकी पत्नी अमिता कपूर ने ‘ऑक्सीजन बम’ जैसे कॉनसेप्ट के  ज़रिए वो कमाल कर दिखाया है जिसकी हम और आप शायद कभी कल्पना भी नहीं कर सकते थे। इन्होंने घर के कोने-कोने में पौधों के जरिए जो कमाल किया है वो देखने लायक है। घर का अहाता, ड्रॉइंग रूम या फिर बेड रूम हर जगह वातावरण को सौ फीसदी शुद्ध करने और सकारात्मक ऊर्जा से भरने के लिए पौधों का इस्तेमाल करने का इनके पास कमाल का गुर है। वैसे पौधे जो खुद वातावरण में मौजूद प्रदूषण को सोख कर चौबीसों घंटे ऑक्सीजन देते हैं, सकारात्मक ऊर्जा से वातारण को खुशनुमा बनाते हैं, वैसे पौधों को बेड रुम तक में इस्तेमाल करने का गुर सिर्फ और सिर्फ कपूर दंपति के ही पास है।

पर्यावरण बचाने की इस मुहिम में नोएडा के वरिष्ठ नागिरिकों का काम सिर्फ नोएडा या हर्बल गार्डन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ये समय-समय पर दिल्ली एनसीआर के स्कूलों में जाकर पर्यावरण संबंधी कई तरह के शिविर आयोजित करते हैं। इनकी चिन्ता बस यही है कि इनके जीते जी इनके काम में आज की युवा पीढी के लोग भी साझेदार बनें और धीरे-धीरे वो भी इन कामों को आगे बढाएं। पर्यावरण के इन पहेरदारों का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण की इनकी विरासत को अगर आज के युवा इनके जीते जी सम्हाल लें तो शायद ये पूरी तरह गंगा नहा लेंगे। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में नोएडा के इन वरिष्ठ नागरिकों का जुनून और समर्पण वाकई बेमिसाल है! कमाल है! पर्यावरण के इन सच्चे पहरेदारों को दिल से सलाम!

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