Khudneshwar Mahadev Mandir । खुदनेश्वर महादेव मंदिर
Khudneshwar Mahadev Mandir is an excellent example of peaceful co-existence between Hindus & Muslims! A grave of a Muslim woman Khudno Biwi, and a Shivlinga are side by side! Shivlinga is the symbol of Lord Shiva. Khudno Biwi discovered the Shivalinga over six centuries ago. She became a devotee of lord Shiva. Your may know many more unique & inspirational facts about this Khudneshwar Mahadev Mandir.
महादेव और मज़ार
क्या किसी मंदिर के गर्भ गृह में, किसी हिन्दू देवता की प्रतिमूर्ति और मुस्लिम महिला का मज़ार साथ-साथ होने की कल्पना आप कर सकते हैं? नहीं न? लेकिन कल्पना छोड़िए, हम यथार्थ में आपको दिखाते हैं एक ऐसा ही मंदिर। बिहार के समस्तीपुर ज़िले से महज पंद्रह किलोमीटर की दूरी पर मोरवा नामक एक गाँव है, जहाँ है विश्व का ये अनूठा मंदिर। इस भव्य और ख़ूबसूरत मंदिर का नाम है खुदनेश्वर महादेव मंदिर। इस मंदिर के गर्भ गृह में जहाँ एक ओर भोलेशंकर विराजते हैं, तो ठीक शिवलिंग के सामने में एक मुस्लिम महिला का मज़ार है। यानी एक तरफ खुदनो बीवी का क़ब्र तो दूसरी तरफ शिव-शंभू।
इस मंदिर के बनने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। बताया जाता है कि खुदनो बीवी नामक एक युवती सात सौ साल पहले इसी जगह गाय चराया करती थी। लेकिन गाय हर दिन एक जगह रुक कर अपना पूरा दूध एक जगह पर गिरा दिया करती। कई दिनों तक ऐसा ही चलता रहा। आखिरकार खुदनो बीवी ने गांव के सभी लोगों को बताया तो उस जगह की खुदाई की गई। खुदाई में ये शिवलिंग निकला। खुदनो की खुशी का ठिकाना न रहा। वो भोलेशंकर की मुरीद हो गई और उसने गांव वाले से इच्छा जाहिर की कि जब उसकी मौत हो, तो इसी शिवलिंग के बगल में उसकी भी क़ब्र हो। खुदनो की मौत के बाद ग्रामीणों ने उसकी निश्छल भावना की कद्र करते हुए, शिवलिंग से लगभग दो फुट की दूरी पर उसे दफना कर, उसका कब्र बना दिया। तब से शिवलिंग के साथ-साथ खुदनो के कब्र की भी वैदिक रीति-रिवाज से पूजा अर्चना की जाती है।
एक छत के नीचे मुसलमानों की आस्था और हिन्दुओं की भक्ति साथ-साथ। सांप्रदायिक सौहार्द्र की ऐसी मिसाल दुनिया में शायद ही कहीं और देखने को मिलती होगी। महादेव के मंदिर में एक मुस्लिम महिला की मज़ार … वाकई कमाल है!