Doctor of Jaundice । पीलिया का अदभुत इलाज

Ashok Kumar is a ‘Doctor of Jaundice’ but he has no medical degree. He is setting new benchmarks in curing people of Jaundice! For last 25 years, Ashok has been treating Jaundice patients with his unique secret knowledge. He learnt all these from his ‘Ustad’! His ‘Ustad’ had started this work of charity over 60 years ago in Chandani Chowk, Old Delhi.

A kind of herbal ‘Chatni’ and sweet powder are the main ingredients. Ashok usually gives these to his patients. His medicines work as ‘Sanjivni’. Patients get cure completely just after taking few doses. Thousand of Jaundice patients got Sanjivni and now healthy. This is through this unique treatment. Know more about this free Jaundice treatment, rendered as a service to humanity.

पीलिया का मुफ़्त इलाज

मानव सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। दिल्ली के अशोक कुमार के लिए मानव सेवा सबसे ऊपर है। पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक इलाके के कच्चा बाग स्थित आदि शक्ति मंदिर के ठीक बगल में अशोक कुमार पीलिया के मरीजों का मुफ़्त इलाज करते हैं। पीलिया के मरीजों के लिए ये किसी मसीहा से कम नहीं। पिछले पच्चीस सालों से अशोक देसी तरीके से पीलिया के मरीजों का जिस तरीके से इलाज करते आ रहे हैं वो अपने आप में मिसाल है।

प्रत्येक मंगलवार और शनिवार सुबह आठ बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक वो हजारों लोगों का इलाज करते हैं। पीलिया का सौ फीसदी कारगर इलाज। दवा के नाम पर एक मीठा पाउडर, किसी पौधे की हरी चटनी, एक तरल पदार्थ दी जाती है। ये दवाइयां खिलाने के बाद मरीज को गरमा गरम चाय पीने को भी कहा जाता है। हां अशोक के बताए अनुसार मरीज को कुछ परहेज भी करने होते हैं, जिसका सख्ती से पालन ज़रुरी है। ये दो तीन या फिर चार सप्ताह तक चलता है। जरुरत पड़ने पर ये प्रक्रिया बढाई  भी जा सकती है।

वैद्य अशोक कुमार से पहले उनके उस्ताद बिनोद शर्मा पिछले साठ वर्षों से पीलिया के मरीजों का इसी तरह मुफ्त इलाज करते थे। इलाज का ये गुर अशोक जी ने मानव सेवा के उद्देश्य से इन्हीं से सीखी। दरअसल डॉक्टरों के जवाब दे देने के बाद पच्चीस साल पहले पीलिया से ग्रसित अपनी पत्नी का इलाज कराने अशोक वैद्य बिनोद शर्मा के पास आए थे। अपने उस्ताद बिनोद शर्मा के मुफ्त इलाज का तरीका और मानव सेवा का जज़्बा देखकर इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने भी उनके नक्शे कदम पर चलने का मन बना लिया। तब से शुरु हुआ अशोक कुमार के काम का ये सिलसिला अभी तक जारी है।

दवा के रुप में जो चीज़ मरीज को दी जाती है वो पूरी तरह गुप्त ज्ञान है। अशोक बताते हैं कि जो व्यक्ति ये वादा करेगा कि वो इसी तरह मुफ्त में आजीवन लोगों की सेवा करेगा उन्हीं से वो इस जबर्दस्त दवा का गुप्त ज्ञान साझा करेंगे। लेकिन इससे पहले उस व्यक्ति को उनका विश्वास जीतना पड़ेगा। अशोक ने चिकित्सा संबंधी न कोई डिग्री ली है न ही उन्होंने इसकी कहीं से पढाई की है। अपने उस्ताद से सीखे हुनर का वो आज जिस तरीके से उपयोग कर हजारों लोगों को पीलिया मुक्त कर रहे हैं, वो वाकई कमाल है! बेमिसाल है!

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