रहमदिल पुलिस : ज्ञानेश बने मिसाल
नवजात संतान को निहारते मोहम्मद आमिल और सना आज खुद को दुनिया की सबसे खुशकिस्मत दंपती मान रहे हैं…खुशी बयां करते-करते जुबान नहीं थक रही…
जामिया के जोगाबाई एक्सटेंशन में रहने वाला यह दंपती दिल्ली पुलिस को बार-बार शुक्रिया कह रहा है… एडिशनल डीसीपी ज्ञानेश कुमार की दरियादिली और मानवता की मिसाल दे रहा है..जिन्होंने कोरोना काल के असीम संकट के दौर में उनके लिए फरिश्ते की भूमिका निभाई…
एसीपी ज्ञानेश ने अपनी जेब से मोहम्मद आमिल की गर्भवती पत्नी के इलाज के लिए पैसे दिए…डॉक्टर तक पहुंचने का रास्ता बनाया…घर तक कर्फ्यू पास पहुंचाया….
फिर भी, जब लेबर पेन का वक्त आया तो मोहम्मद आमिल घबरा गया..मगर, उसे वक्त पर याद आए वही मानवता के बेमिसाल अफसर ज्ञानेश कुमार…
भरोसा टूटा नहीं…और मजबूत हो गया…मिनटों में पुलिस की गाड़ी सना को अस्पताल ले जाने के लिए मौजूद थी…ऊपरवाले ने बैसाखी के दिन 13 अप्रैल को मोहम्मद आमिल और सना की गोद भर दी।
पुलिस का ये चेहरा अक्सर सामने नहीं आ पाता। मौसम से बेपरवाह और 24 घंटे की ड्यूटी में फंसी पुलिस अपने उस मददगार रूप को कभी व्यक्त भी नहीं कर पाती। मगर, समय पर मदद की क्या अहमयित होती है वह मोहम्मद आमिल से जानिए…
ऊपरवाले से ज्यादा मोहम्मद आमिल और सना एडिशनल डीसीपी ज्ञानेश कुमार का शुक्रिया अदा कर रहे हैं। ऐसे मौके पर आम तौर पर अफसर इसे अपना फर्ज बताया करते हैं, ज्ञानेश की भी प्रतिक्रिया वही है मगर वे उनकी शुक्रिया की अहमियत को भी बखूबी समझते है।
कोरोना काल के दौर में परेशान तो हर कोई है मगर परेशानी को दूर करने वाले कोरोना वॉरियर्स कई दफा फरिश्ते की याद दिला रहे हैं…एडिशनल डीसीपी ज्ञानेश कुमार ने कुछ ऐसा ही कमाल का काम किया है। सचमुच कमाल है!