Remedies of Ayurveda । अमृत है आयुर्वेद
Ayurveda gives remedies. You may get a totally healthy life by adopting Ayurveda! Let us trust our ancient science of Ayurveda. And, make India a country of healthy citizens! This is what ‘Oj’ Ayurved & Yog festival informs us with utmost authenticity!
आयुर्वेद अपनाएं, रोग भगाएं
आधुनिकता और बाज़ारवाद की होड़ में हम भारतीयों ने भी अपनी सेहत का ध्यान रखना छोड़ दिया है। हमने भी आयुर्वेद जैसी प्राचीन, वैज्ञानिक और विश्वसनीय चिकित्सा पद्धति को छोड़ दिया है। बीमारियों को जड़ से खत्म करने की बजाय तुरंत राहत पाने की ललक इसकी वड़ी वजह है। इसीलिए हमने ज़िन्दगी तबाह करने वाली चिकित्सा पद्धतियों पर भरोसा जताया है।
नतीजा सामने है। कम उम्र में लोग मधुमेह, गठिया, कैंसर और हृदय के रोगों से ग्रसित होकर काल के गाल में समा रहे हैं। खराब जीवन शैली, खान-पान और रहन-सहन ने मानो हमारी नस्ल ही बदल दी है। लिवर, किडनी से जुड़े रोगियों की संख्या भी खूब तेज़ी से बढ रही है। बावजूद इसके हम अपनी पारंपरिक, सशक्त और सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद और योग को पूरी तरह अपनाने से परहेज कर रहे हैं। इस पर शक जता रहे हैं। आयुर्वेद और योग से न सिर्फ बीमारियां जड़ से खत्म होती हैं बल्कि इन्हें अपनाने वाले की जीवन शैली भी सकारात्मक और सार्थक हो जाती है।
आयुर्वेद और योग के विशेषज्ञों की चिंता इसी बात को लेकर है कि आयुर्वेद और योग को पूरे देश में कैसे सर्वसुलभ बनाया जाय। इसी मकसद के साथ दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में देश भर के करीब डेढ़ सौ सर्वेश्रेष्ठ आयुर्वेद चिकित्सकों ने दो दिनों तक (6-7 मई 2017) चिंतन-मनन किया। वर्ल्ड आयुर्वेद फांउडेशन और निरोग स्ट्रीट के संयुक्त प्रयास में आयोजित ‘ओज’- आयुर्वेद एवं योग महोत्सव में, देश भर के सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेद चिकित्सकों ने आयुर्वेद को घर-घर तक पहुंचाने का संकल्प लिया।
चिकित्सकों और आम लोगों के बीच की दूरियों को पाटने के लिए आयुर्वेद विशेषज्ञों ने तय किया कि पूरे देश भर में इसी तरह आयुर्वेद महोत्सव का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जाए। साथ ही लोगों को देश के सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेद चिकित्सकों की पूरी विस्तृत जानकारी मुहैया कराया जाए ताकि लोग बड़ी आसानी से इन तक पहुंच सकें और आयुर्वेद का ज़्यादा से ज़्यादा लाभ उठा सकें।
आयुर्वेद विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारतीय पुन: आयुर्वेद और योग को जीवन का हिस्सा बना लें तो भारत विश्व में सबसे स्वस्थ देश बनने की ओर अग्रसर हो सकता है। तब स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी विश्व गुरु बनते देर नहीं लगेगी।