An Idea can change the world । सिगरेट की बट से करें कमाई

A single idea can change the world! Two Young friends have now proved it. They have started a company known as Code Enterprises LLP. This company works on the concept of recycling the waste cigarette butts into recyclable goods and products. A very innovative initiative this one was! Cigarettes are hazardous to nature and we think it as a negative. Must watch their story to understand how cigarette butts can be so much productive for nature.

सिगरेट बट से बिजनेस!

नोएडा के दो जिगरी दोस्त नमन गुप्ता और विशाल कनेट ने सिगरेट बट से एक दिलचस्प बिजनेस मॉडल तैयार किया है। नमन दिल्ली विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट हैं तो विशाल ने बीटेक किया है।  दोनों के दिमाग में सिगरेट बट से बिजनेस का आइडिया आया और फिर उन्होंने CODE ENTERPRISE LLP नाम की कंपनी बनाई।

नमन और विशाल की कंपनी इतिहास रचने की दिशा में कई कदम आगे बढ़ी चुकी है। सिगरेट के फेंके गए टुकड़े पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। सिगरेट बट में मौजूद पॉलीमर 10-12 साल तक ज़मीन में रहता है और मिट्टी को नुकसान पहुंचाता है लेकिन सिगरटे बट में मौजूद वस्तुओं को रिसाइकिल कर नमन और विशाल आर्गेनिक खाद, चाबी के छल्ले और फ्लाई ऐश ब्रिक्स बनाते हैं।

मजेदार बात ये है कि दिल्ली एनसीआर के कई दुकानों में वीबिन (Vbin means Value bin) के डिब्बे में ये दुकानदार सिगरेट का कचरा इकट्ठा करते हैं जिसे नमन और विशाल की कंपनी उनसे खरीदती है। सौ ग्राम सिगरेट कचरे के बदले अस्सी रुपये और एक किलो सिगरेट के कचरे के लिए ये दुकानदार को सात सौ रुपये देते हैं। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर छह सौ से ज्यादा लोगों को नमन और विशाल के बिजनेस आइडिया से रोज़गार मिल चुका है।

दरअसल नमन और विशाल अपने छात्र जीवन में हॉस्टल में दोस्तों को सिगरेट पीता देख और सिगरेट के कचरों को जहां-तहां फेंकता देख दुखी हो जाया करते थे  कि ये लोग खुद को और पर्यावरण को कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं। सिगरेट के बट में मौजूद पॉलीमर ज़मीन के लिए नुकसानदायक हैं। तो आइडिया आया क्यों न सिगरेट के इन टुकड़ों से कुछ नया किया जाए। फिर क्या था विशाल और नमन ने सिगरेट के बट पर खूब रिसर्च किया। फिर समझ आया कि सिगरेट के इन कचरों में मौजूद चीजों को रिसाइकिल कर उपयोगी चीजें बनाई जा सकती हैं।

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Key Rings

Code Enterprises LLP नाम की कंपनी बनाने के बाद दोनों दोस्तों ने सिगरेट के कचरों को इकट्ठा करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना शुरु किया । दिल्ली एनसीआर के कई दुकानों में वीबिन यानि वैल्यू बिन के डिब्बे रखने शुरू किए जिसमें ये लोग सिगरेट के कचरे रखते हैं। फिर ये इनसे सप्ताह के अंत में जमा किए गए सिगरेट का कचरा खरीदते हैं ।  फिर सिगरेट के इन कचरों को रिसाइकिल कर इसमें मौजूद तंबाकू और कागज से आर्गेनिक खाद बनाया जाता है तो फिल्टर यानी पॉलीमर से चाबी का छल्ला और खिलौने। आगे चलकर बड़े पैमाने पर सिगरेट बट में मौजूद पॉलीमर से चिमनियों से निकलने वाले धुएं को प्यूरीफाई करने के लिए एअर प्यूरीफायर और सिगरेट के राख से फ्लाई ऐश ब्रिक बनाने की इनकी योजना है।

नमन और विशाल की कंपनी कोड इंटरप्रईजेज एलएलपी के कस्टमर और वेंडर दोनों लगातार बढ रहे हैं, जिन्हें ये ‘एसोसिएट’ कहते हैं। साथ ही अब ये पीएम मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के साथ जुड़ कर स्वच्छता के लिए काम भी करना चाहते हैं। नमन और विशाल की कंपनी का बिजनेस अब दिल्ली एनसीआर के अलावा मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु तक फैल चुका है। आगे चलकर पूरे देश और दुनिया में छाने की इनकी योजना है। सिगरेट बट से बिजनेस का इनका आइडिया चल पड़ा। ये वाकई  कमाल है! संदेश- कभी-कभी छोटे आइडिया भी आपको बड़ा बना देते हैं। कचरे से भी कमाल करने की बस कूबत होनी चाहिए।

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