Fight against Hunger । Human Service
Fight against Hunger in a unique way. They were hungry but you gave them food to eat. People were naked but you clothed them. People were homeless and you took them in!
Robin Hood Army
Being kind is more important than being right. This is what uniqueness is there. ‘Robin Hood Army’ has vowed to fight against hunger. These thoughts embedded in their mind. Their war against hunger is on! Watch this story to know, how?
अन्न का आदर
दिल्ली एनसीआर में रॉबिन हुड आर्मी नाम की युवाओं की एक ऐसी संस्था है जो गरीब और भूखों के लिए भोजन का प्रबंध करती है। रेस्टोरेंट, होटेल, ढाबा और पार्टियों में बचने वाले भोजन को ये इकट्ठा करते हैं, फिर उन्हें गरीबों के बीच जाकर वितरित करते हैं। संस्था के ज़्यादातर सदस्य मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करते हैं। मसलन कोई गूगल में नौकरी करता है तो कोई मैकंजी में तो कोई ज़ोमाटो सरीखी कंपनियों में। अलग-अलग कंपनियों और क्षेत्रों में नौकरी करने के बावजूद इनका मकसद एक है। ये सभी प्रत्येक रविवार को जुटते हैं और शाम से ही गरीबों के लिए भोजन का प्रबंध करने में जुट जाते हैं। हरे रंग के ड्रेस में ये सभी नेक काम के लिए अपनी एकजुटता दर्शाते हैं।
लोगों को भोजन न बर्बाद करने की नसीहत देते हैं और गरीबों को खाना खिलाने के लिए प्रेरित करते हैं। संस्था का विस्तार दिन-प्रतिदिन होता ही चला जा रहा है। 2014 में नील घोष और आनंद सिन्हा नाम के दो दोस्तों ने ‘रॉबिन हुड आर्मी’ का गठन किया था। आज दिल्ली एनसीआर, मुंबई, कोलाकाता, हैदराबाद, बैंग्लुरु समेत देश भर के इकतालीस शहरों में रॉबिन हुड आर्मी के आठ हजार से ज़्यादा वोलेन्टियर्स भूखे लोगों को खाना खिलाने का काम कर रहे हैं।
आखिरकार ज़िन्दगी के अंत में न हमारी डिग्रियों की चर्चा होगी, न अमीरी की न हमारे रुतबे की। चर्चा होगी तो बस इस बात की कि हमने इन जैसे भूखे लोगों को खाना खिलाया, इन जैसे नंगे बदन वाले को कपड़े पहनाया, ये बेघर थे और इन्हें आश्रय दिया। इन उपेक्षित और जरुरतमंद लोगों को भी खुशियों के कुछ पल दिए, इन्हें भी मुस्कुराने का बहाना दिया। इसलिए तो कहते हैं सही और ईमानदार होने से कहीं ज्यादा बेहतर है दयालु होना। अन्न का आदर और गरीबों का पेट भरने का ये जुनून वाकई कमाल है! ऐसे दयालु और कर्मठ युवाओं को दिल से सलाम!